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Posted by
Kaushal Vinayak February 4, 2017 -
Filed in
Arts & Culture
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आतंकवाद और पाकिस्तान।
देश जहाँ एक ओर नोटबंदी की समस्या से जूझ रहा है, आम लोग आर्थिक रूप से परेशान हो रहे हैं वही दूसरी तरफ आतंकवाद भी एक बड़ा मुदा बना हुआ है। कहा जा रहा था कि नोटबंदी से आतंकवाद को बढ़ावा कम होगा, लेकिन पाकिस्तान ने फिर से जम्मू कश्मीर के नगरोटा में आतंकवादी हमले कराकर सरकार के फैसले को कमजोर किया है और कुछ फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। ये सच है इन आतंकवादियों की फंडिंग पाकिस्तान के तरफ से हुआ है, लेकिन सवाल ये है कि इंडियन एक्सप्रेस न्यूज़ के अनुसार जब ख़ुफ़िया एजेंसी ने १० दिन पहले ही ये आगाह कर दिया था, और ये संकेत भी दिया था तब इस तरह के हमले क्यों हुए, आखिर सुरक्षा में कहाँ चूक हो गई। आज फिर से हमारे ७ जवान शहीद हो गए, और बस हम सब उनकी शहादत को सलाम कर रहे हैं। आखिर इनकी शहादत का बदला हम कब लेंगे। इतनी मजबूत सरकार के बावजूद क्या हमें अब भी सिर्फ शांति की ही पहल करनी चाहिए।
पाकिस्तान की विदेश नीति में कश्मीर के आलावा कोई मुद्दा नहीं है, और हम भारतवंशी कश्मीर के लिए मिट सकते हैं लेकिन झुक नहीं सकते तो फिर क्यों नहीं हम एक आर पार की लड़ाई लड़कर इसका एक हल निकाल लें। कल पाकिस्तान के जनरल
रहील शरीफ ने जाते जाते भी ये सन्देश दे दिया, की पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता है और करता रहेगा, जहाँ एक ओर रहील शरीफ की विदाई हो रही थी, वही दूसरी ओर नगरोटा में आतंकवादियों से लड़ाई। पीओके के विशेषज्ञ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कल पाकिस्तान नए सैन्य प्रमुख का पदभार संभाला है। हालांकि उन्होंने ये वादा दिया है कि हालात जल्द सुधरेंगे लेकिन पाकिस्तान के हर सैन्य प्रमुख का बस एक ही मकशद है, कश्मीर और आतंकवाद का समर्थन।
पिछले एक साल में संघर्षविराम उलंघन के ४३० मामले सामने आ चुके है। साल २०१६ में सबसे ज्यादा भारतीय सैनिक शहीद हो चुके हैं साल २०१० की तुलना में।। यह एक गंभीर सवाल है, जिसका जवाब पुरे देश को मिलकर ढूढ़ना होगा।। जबतक कश्मीर मसला हल नहीं होगा लाशें गिरती रहेगी, हमारे जवान शहीद होते रहेंगे। अबतक लगभग बीते एक डेढ़ साल में हमारे लगभग ९१ जवान शहीद हुए हैं,और लगभग हमने २१४ पाकिस्तानी कुतों को मार भी गिराएं हैं।।
हमें अपने जवानों के शहादत का बदला लेना होगा। सर्जिकल स्ट्राइक से भी अगर पाकिस्तान नहीं सुधरता है तो हमें एयर स्ट्राइक भी करनी होगी।। कुछ भी हो एक सिर के बदले १० सिर और एक जवान के बदले १०० जवान का खात्मा बहुत जरूरी है।।
ये मिटटी भी गवाह है, उन शहीदों के शहादत का,
रहेगा याद हरपल उनकी समर्पण की कहानी।।
कुछ कर जाएँ या मिट जाएँ है तम्मना हर वीरों की,
सलाम है मेरी भी उन जवानों की जवानी।।
जो गिरे हैं खून जमीं पे तिरंगे की खातिर,
ये खुशबु है उनकी ये शहादत की कहानी।।
आएंगे कभी न वो लौट कर यहाँ,
ये मेरे देशवासियों जरा आँख में भर लो पानी।।
##जय हिंद## जय भारत##
#कौशल किशोर विनायक#